एसजीपीसी, अकाल तख्त ने ऋषिकेश में सिख व्यापारी और उसके भाई पर हमले की निंदा की
आशीष मनीषा
- 03 Mar 2025, 03:05 PM
- Updated: 03:05 PM
अमृतसर, तीन मार्च (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और अकाल तख्त ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक सिख व्यापारी और उसके भाई पर कथित हमले और भीड़ द्वारा उसके शोरूम में तोड़फोड़ किए जाने की सोमवार को कड़ी निंदा की।
एसजीपीसी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एसजीपीसी ने कहा कि कथित घटना के वीडियो क्लिप से पता चलता है कि भीड़ ने न केवल सिख व्यापारियों पर हमला किया, बल्कि उनके शोरूम पर पथराव भी किया, जिससे काफी नुकसान हुआ।
यहां जारी एक बयान में एसजीपीसी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नान ने कहा कि भीड़ ने सिख व्यक्ति की पगड़ी कथित तौर पर जबरन उतार दी।
एसजीपीसी ने पीड़ित से संपर्क किया है और उसे पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। धामी और उत्तराखंड पुलिस को लिखे पत्र में मन्नान ने अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार से घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और सभी दोषियों की पहचान कर उन्हें दंडित करने का आग्रह किया है।
एसजीपीसी ने सभी सरकारों से देश भर में सिखों के अधिकारों की रक्षा करने और उनकी हिफाजत सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने भी इस घटना की निंदा की।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने पंजाब सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले को उत्तराखंड सरकार के समक्ष उठाए ताकि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस घटना को परेशान करने वाली बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्तराखंड के ऋषिकेश में दो सिख भाइयों पर हाल में हुआ हमला चिंताजनक और परेशान करने वाला है। उनकी पगड़ी का अपमान, साथ ही उनकी दुकान में तोड़फोड़, उनके अधिकारों और सम्मान का उल्लंघन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुष्कर सिंह धामी पीड़ितों और उनके परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने को लेकर कानून के अनुसार दोषियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई करें। इसके अलावा, सरकार को राज्य में अल्पसंख्यक सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं और समाज में विभाजन पैदा कर सकती हैं। सहिष्णुता, समझ और विविधता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने के लिए सरकार और नागरिक संस्थाओं को मिलकर काम करना आवश्यक है।’’
कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी घटना की निंदा की।
भाषा आशीष