जंग से बचने की जरूरत, पर युद्ध थोपे जाने पर निर्णायक विजय सुनिश्चित करें: पूर्व वायुसेना प्रमुख
संतोष माधव
- 04 Mar 2025, 06:17 PM
- Updated: 06:17 PM
नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख (सेवानिवृत्त)एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि जंग को टाला जाए, लेकिन यदि हम पर युद्ध थोप दिया जाए तो ड्रोन, अंतरिक्ष-आधारित परिसंपत्तियों और एकीकृत वायु रक्षा प्रणालियों के उपयोग के माध्यम से ‘निर्णायक जीत’ सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए विभिन्न नई तकनीक का लाभ उठाने की जरूरत है।
उन्होंने यहां सुब्रतो पार्क में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दर्शकों के सवाल के जवाब में यह बात कही। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी ‘‘वायु क्षेत्र में उभरती हुई गतिशीलता’’ विषय पर 16वें ‘जंबो’ मजूमदार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
तीन वक्ताओं ने एकीकृत हवाई क्षेत्र प्रबंधन से लेकर ड्रोन और अन्य मानव रहित कम उड़ान वाली मशीनों और भविष्य में युद्ध पर उनके प्रभाव जैसे विषयों पर प्रस्तुतियां दीं।
प्रस्तुतियों के बाद, दर्शकों के साथ एक संवाद सत्र के दौरान चौधरी से पूछा गया कि क्या वायु शक्ति का विकास के साथ एआई और मशीन लर्निंग जैसी विध्वंसकारी तकनीकों का आगमन और उनकी उन्नति भी भविष्य में युद्ध के परिणाम को तय करेगी, जबकि पारंपरिक सैन्य विचारधारा यह मानती है कि युद्ध चाहे जिस भी क्षेत्र में हो, जीत या हार का फैसला केवल जमीन पर होगा।
वायुसेना के पूर्व प्रमुख ने इसके जवाब में कहा कि ‘जीत की धारणा’ वास्तव में प्रत्येक परिस्थिति में अलग होती है और इसके दो उत्तर नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में अब यह वर्गीकृत करना बहुत मुश्किल है कि वायु शक्ति और ये अन्य नए क्षेत्र क्या हासिल कर सकते हैं। लेकिन, यह कहना पर्याप्त है कि हां, हम यहां टिकने के लिए हैं। हमें इन नई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की आवश्यकता है, ताकि हम सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता प्राप्त कर सकें। न केवल संघर्ष को रोकने की आवश्यकता है, बल्कि यदि कोई संघर्ष हमारे ऊपर थोपा जाता है तो ड्रोन, अंतरिक्ष-आधारित परिसंपत्तियों और एकीकृत वायु रक्षा प्रणालियों के उपयोग के माध्यम से निर्णायक जीत सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।’’
पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एम के कटियार ने जनवरी में यहां एक अलंकरण समारोह में अपने संबोधन में कहा था कि चाहे कोई भी क्षेत्र हो, जीत या हार का फैसला केवल जमीन पर ही होगा और रूस-यूक्रेन युद्ध ने इसे फिर से साबित कर दिया है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रौद्योगिकी युद्ध की प्रकृति को बदल रही है और आज यह परिवर्तन ‘बहुत तेज गति’ से हो रहा है, और यह जरूरी है कि ‘‘हम अपनी मानसिकता भी बदलें।’’
भाषा संतोष