जेयू की घटना पर विरोध प्रदर्शन जारी; मंत्री ने घायल छात्रों के परिवार को फोन कर खेद जताया
रंजन माधव
- 04 Mar 2025, 06:12 PM
- Updated: 06:12 PM
कोलकाता, चार मार्च (भाषा) कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों पर कथित हमले को लेकर मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के इस्तीफे के साथ-साथ छात्रों के खिलाफ पुलिस शिकायत को वापस लेने की मांग की गई।
अशांति के बीच, बसु ने व्यक्तिगत रूप से घायल छात्र इंद्रानुज रॉय के परिवार से संपर्क किया और घटना पर खेद व्यक्त किया।
छात्र के पिता अमित रॉय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिक्षा मंत्री ने मुझे कॉल किया। उन्हें खेद है। उन्होंने खेद प्रकट किया । उन्होंने इंद्रानुज के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि वह और उनकी पत्नी बेहद दुखी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इंद्रानुज उनके बेटे जैसा है।’’
विश्वविद्यालय परिसर में एक मार्च को हुई हिंसा के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, जब हाथापाई के दौरान बसु के काफिले की एक कार के कथित रूप से बहुत नजदीक से गुजरने के बाद इंद्रानुज सहित दो छात्र घायल हो गए थे।
यह घटना उस समय हुई जब वामपंथी छात्रों ने मंत्री को परिसर से बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया तथा छात्र संघ कराये जान पर चर्चा की मांग की, जो कई वर्षों से नहीं हुए थे।
विरोध प्रदर्शन के दौरान बसु की कार का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और इस घटना में वह स्वयं भी घायल हो गए।
सोमवार रात को आम सभा की बैठक के बाद छात्रों ने कुलपति भास्कर गुप्ता को परिसर में वापस आकर उनकी मांगों का समाधान करने के लिए 24 घंटे की समयसीमा तय की और चेतावनी दी कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहे तो वे उग्र विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्वविद्यालय घायल छात्रों के उपचार का पूरा खर्च उठाए और बसु के खिलाफ पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जाए।
हालांकि गुप्ता अभी तक परिसर में वापस नहीं आए हैं।
सूत्रों ने बताया कि वह अस्वस्थ हैं और उनका रक्तचाप भी घट-बढ़ रहा है और उन्हें घर पर आराम करने की सलाह दी गई है।
कुलपति ने शनिवार की रात अस्पताल में घायल छात्रों से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान कथित तौर पर उनकी शर्ट फट गई और स्वास्थ्य संबंधी उनकी जटिलतायें और बढ़ गईं।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर की मंजूरी मिलने के बाद वह विश्वविद्यालय लौट आएंगे।
विरोध के बावजूद, विश्वविद्यालय के कुछ विभागों ने प्रथम वर्ष और पार्श्व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित सेमेस्टर परीक्षायें जारी रखीं।
कुछ विभागों ने स्वेच्छा से कक्षाएं स्थगित कर दीं, जबकि अन्य ने निर्धारित परीक्षाएं जारी रखीं।
डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) सहित कई अति वाम छात्र संगठनों ने मंगलवार और बुधवार को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने मंगलवार की हड़ताल में भाग नहीं लिया, लेकिन पूरे राज्य में अलग-अलग प्रदर्शन आयोजित किए।
भाषा रंजन