भाजपा ने प्रियंका गांधी के निर्वाचन क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए जाने की आलोचना की
पारुल नरेश
- 21 Aug 2025, 05:53 PM
- Updated: 05:53 PM
बेंगलुरु, 21 अगस्त (भाषा) कर्नाटक सरकार की ओर से केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपये का आवंटन किए जाने को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच बृहस्पतिवार को जुबानी जंग छिड़ गई।
वायनाड लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी करती हैं।
भाजपा ने वायनाड के प्रति उदारता दिखाने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर कटाक्ष किया और उन्हें “केरल का मुख्यमंत्री” करार दिया।
वायानड में 30 जुलाई 2024 को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के कारण कई लोग मारे गए थे और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए थे।
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने वायनाड के एक निर्वाचन क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की।
अशोक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “केरल के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को वायनाड लोकसभा क्षेत्र को 10 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान आवंटित करने के लिए बधाई, जिसका प्रतिनिधित्व प्रियंका गांधी करती हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक में भी “केरल के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया जैसा दयालु और उदार हृदय वाला मुख्यमंत्री होता”, तो सभी निर्वाचन क्षेत्रों को भरपूर धन मिलता, लेकिन “अफसोस कि कन्नड़ लोग मलयाली लोगों जितने भाग्यशाली नहीं हैं!”
भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने भी वायनाड को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए सिद्धरमैया पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, क्या वह आप नहीं थे, जिन्होंने दिल्ली में ‘मेरा कर, मेरा अधिकार’ का नारा लगाते हुए प्रचार किया था और इस बात पर जोर दिया था कि कर्नाटक का पैसा राज्य से बाहर नहीं जाना चाहिए? फिर भी आज आप कन्नड़ लोगों के कर के 10 करोड़ रुपये केरल के वायनाड भेज रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि वह प्रियंका गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है।”
विजयेंद्र ने आरोप लगाया, “जब किसान फसल नुकसान से जूझ रहे थे, जब विधायकों को आधारशिला रखने के लिए मूल अनुदान भी नहीं मिल रहा था, जब स्कूल-कॉलेज में बुनियादी ढांचे की कमी थी, तब मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पैसा नहीं है। लेकिन अपने आलाकमान को खुश करने के लिए, आपने कर्नाटक के बाहर उदारतापूर्वक करोड़ों रुपये दान कर दिए। यह करुणा नहीं, बल्कि दासता है।”
उन्होंने कहा, “एक मुख्यमंत्री जिसने केरल में हाथी के हमले के शिकार व्यक्ति के लिए 15 लाख रुपये की घोषणा की, लेकिन कर्नाटक के गरीबों के लिए कोई धनराशि नहीं दे पाया, अब अपनी कुर्सी बचाने के लिए हमारे आपदा कोष को बर्बाद कर रहा है। कृपया अपने आलाकमान को खुश करने के लिए हमारे आपदा कोष को बर्बाद करना बंद करें। कर्नाटक का पैसा कन्नड़ लोगों के लिए है, गांधी परिवार के राजनीतिक भविष्य के लिए नहीं।”
कर्नाटक सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि मानवीय आधार पर किया जाने वाला दान कार्य गलत नहीं है।
उन्होंने कहा, “कर्नाटक केंद्र को हजारों करोड़ रुपये देता है, लेकिन बदले में हमें क्या मिलता है? यह बड़ा सवाल है। यह सब मानवीय कारणों से किया गया है।”
राव ने कहा कि कर्नाटक के लोगों को पड़ोसियों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए हमेशा गर्व महसूस करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी भाजपा के ध्यान भटकाने वाले मुद्दे हैं, जो कर्नाटक और केरल के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है।
राव ने सलाह दी, “हम सभी एक-दूसरे के लिए मौजूद हैं। जब हम मानवीय कारणों से कुछ करते हैं, तो उसे संदेह या नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।”
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के प्रियंका के निर्वाचन क्षेत्र को आर्थिक मदद देने के संबंध में भाजपा की आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने गुजरात और ओडिशा सहित कई अन्य राज्यों के लिए भी बहुत कुछ किया है।
उन्होंने कहा, “कई बार, कितने संकट आते हैं और हम योगदान एवं समर्थन देते हैं। चीजों को देखने का यह बहुत संकीर्ण नजरिया है। मुझे नहीं लगता कि लोग इसे अच्छे रूप में लेंगे।”
भाषा पारुल