हम दो रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं : भारत
नेत्रपाल रंजन
- 30 Oct 2025, 07:27 PM
- Updated: 07:27 PM
नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कच्चे तेल की उसकी खरीद किफायती कीमतों पर विविध स्रोतों से ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने पर आधारित है और वह रूसी तेल कंपनियों ‘लुकोइल’ तथा ‘रोसनेफ्ट’ पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नवीनतम प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब संकेत मिल रहे हैं कि भारतीय रिफाइनरी धीरे-धीरे सब्सिडी वाले रूसी कच्चे तेल की खरीद कम कर रही हैं और अमेरिका से पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर विचार कर रही हैं।
जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका एक व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दक्षिण कोरिया में दिए गए उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ‘‘भारत के साथ एक व्यापार समझौता कर रहा है।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में दोनों रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि नयी दिल्ली इसके प्रभावों का अध्ययन कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम रूसी तेल कंपनियों पर हाल ही में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। हमारे निर्णयों में स्वाभाविक रूप से वैश्विक बाजार की बदलती गतिशीलता को ध्यान में रखा जाता।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘ऊर्जा स्रोत के व्यापक प्रश्न पर हमारी स्थिति सर्वविदित है। इस प्रयास में, हम अपने 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विविध स्रोतों से किफायती ऊर्जा प्राप्त करने की अनिवार्यता से निर्देशित हैं।’’
इस मामले के जानकारों ने बताया कि दोनों रूसी तेल उत्पादकों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के नवीनतम कदमों के बाद रूस से भारत की कच्चे तेल की खरीद में गिरावट देखी जा रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह मॉस्को के दो शीर्ष कच्चे तेल निर्यातकों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारतीय रिफाइनरियों ने रूसी तेल के लिए कोई नया ऑर्डर नहीं दिया है, क्योंकि वे बदले हुए परिदृश्य का आकलन कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता में कोई त्रुटि न रहे।
अमेरिका ने पिछले सप्ताह रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए थे, ताकि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध समाप्त करने के लिए मॉस्को पर दबाव बनाया जा सके।
पिछले कुछ सप्ताहों में अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कहा है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देगा।
ट्रंप के पहले दावे के बाद, भारत ने कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई थी।
वहीं, एक अलग सवाल के जवाब में, जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिकी पक्ष के साथ बातचीत जारी रखेंगे और ये चर्चाएं जारी रहेंगी।’’
ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद से नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध गंभीर तनाव में हैं।
भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’’ बताया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कुआलालंपुर में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बातचीत की।
ऐसा समझा जाता है कि जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो ने दोनों पक्षों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर भी व्यापक चर्चा की।
जायसवाल ने कहा कि अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों से छह महीने की छूट दी है।
भाषा
नेत्रपाल