आरएसएस पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है : होसबाले
दिमो शफीक
- 01 Nov 2025, 08:13 PM
- Updated: 08:13 PM
जबलपुर, एक नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कहा कि संगठन पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। साथ ही कहा कि ऐसी मांग करने वालों को अतीत से सीखना चाहिए।
आरएसएस की यहां तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक के समापन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, होसबाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि संघ को प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
होसबाले ने कहा, ‘‘पहले भी तीन बार ऐसे प्रयास किए गए हैं। तब समाज ने क्या कहा था? अदालत ने क्या कहा था? इन सबके बावजूद संघ का काम बढ़ता रहा। प्रतिबंध लगाने के लिए वैध कारण होने चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। भारत की एकता, सुरक्षा और संस्कृति के लिए काम करने वाले संगठन को कोई नेता कहता है कि प्रतिबंधित कर देना चाहिए, तो उसे इसका कारण भी बताना चाहिए।’’
संघ नेता ने कहा कि समाज ने आरएसएस को स्वीकार कर लिया है, और ‘‘सरकारी व्यवस्था’’ ने भी फैसला सुनाया है कि ऐसे प्रतिबंध गलत थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग अब प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, उन्हें पिछले अनुभवों से सीखना चाहिए।’’
शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस को फिर से प्रतिबंधित करने के सवाल पर, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा था, ‘‘यह मेरी निजी राय है, और मैं इसे खुले तौर पर कहूंगा, ऐसा होना चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया था कि ज्यादातर कानून और व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं।
इस बीच, जब पूछा गया कि क्या आरएसएस की बैठक में बिहार या पश्चिम बंगाल चुनावों पर चर्चा हुई, तो होसबाले ने कहा कि बिहार चुनावों पर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन संघ का रुख साफ है कि लोगों को बड़ी संख्या में वोट देना चाहिए। देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर वोट देना चाहिए, न कि जाति या पैसे के आधार पर।
पश्चिम बंगाल को लेकर होसबाले ने कहा कि इस बैठक में वहां की स्थिति पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन इस पर पहले चर्चा हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘वहां हालात गंभीर हैं। पिछली बैठक में बंगाल पर एक प्रस्ताव पास किया गया था। राज्य में संघ का काम बढ़ रहा है, लेकिन पिछले चुनावों के बाद राजनीतिक नेतृत्व और मुख्यमंत्री की वजह से द्वेष और नफरत फैली है।’’
आरएसएस नेता ने कहा कि बंगाल एक सीमावर्ती राज्य है और बांग्लादेश से आने वाले लोगों का बोझ झेल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर राजनीतिक नेतृत्व इस खतरे को खत्म करने में नाकाम रहता है, तो कभी भारत का नेतृत्व करने वाले राज्य बंगाल को अस्थिरता और हिंसा के माहौल में रखना देश के साथ अन्याय होगा।’’
उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता बंगाल में सामाजिक एकता को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर होसबाले ने कहा कि इसे समय-समय पर अद्यतन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सूचियों को बेहतर बनाया जाना चाहिए। इसमें क्या दिक्कत है? अगर किसी को इसकी प्रक्रिया पर कोई आपत्ति है, तो वे निर्वाचन आयोग के सामने अपनी बात रख सकते हैं।’’
भाषा दिमो