महाराष्ट्र: मुंबई के वडाला में परीक्षण के दौरान मोनोरेल एक ओर झुकी, कोई हताहत नहीं
सुमित नेत्रपाल
- 05 Nov 2025, 04:58 PM
- Updated: 04:58 PM
मुंबई, पांच नवंबर (भाषा) मुंबई के वडाला डिपो में बुधवार सुबह परीक्षण के दौरान मोनोरेल ट्रेन का एक डिब्बा बीम से टकराने के बाद गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन के अंदर कोई यात्री नहीं था।
मोनोरेल संचालक महा मुंबई मेट्रो रेल ऑपरेशंस लिमिटेड (एमएमएमओपीएल) ने इसे एक मामूली घटना बताते हुए कहा कि दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों और वीडियो में ट्रेन थोड़ी झुकी हुई दिखाई दे रही है।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना सुबह नौ बजे हुई और मोनोरेल से चालक दल के दो सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया।
इस संबंध में एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि बचाए गए व्यक्तियों में से एक के माथे पर मामूली खरोंचें थीं और उसे तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए डिपो के अंदर ले जाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्घटना वडाला डिपो के ठीक बाहर एक ‘क्रॉसओवर’ पॉइंट पर हुई, जब सुबह करीब नौ बजे ‘सिग्नलिंग’ परीक्षण के लिए सफेद रंग के मोनोरेल रेक को बाहर निकाला जा रहा था।
उन्होंने कहा कि परीक्षण में शामिल कंपनी का एक इंजीनियर ट्रेन कैप्टन के साथ था।
अधिकारियों ने बताया कि पहले कोच के अंडरगियर, कपलिंग और बोगियों को भारी नुकसान पहुंचा है, साथ ही पहियों के कवर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गलियारे के नीचे से देखने पर ट्रेन दो बीमों के बीच फंसी हुई दिखाई दी, जिसका एक हिस्सा हवा में लटका हुआ था।
मोनोरेल प्रणाली में बोगी या गाड़ी जमीन से ऊपर उठी (एलिवेटेड) बीम के नीचे स्थित होती है, तथा इसमें पहिए और सस्पेंशन लगे होते हैं, जो बीम के साथ ट्रेन को दिशा और सहारा देते हैं।
बाद में एमएमएमओपीएल ने एक बयान में दावा किया कि यह ‘‘एक मामूली घटना’’ थी और कोई घायल नहीं हुआ। एमएमएमओपीएल ने मेधा एसएमएच रेल प्राइवेट लिमिटेड से 55 करोड़ रुपये प्रति कोच की दर से 10 चार-कोच वाली मोनोरेल ट्रेन खरीदी हैं।
इसमें कहा गया, ‘‘आज सुबह नियमित सिग्नलिंग परीक्षणों में से एक के दौरान एक छोटी सी घटना घटी। स्थिति को तुरंत नियंत्रण में कर लिया गया और किसी भी कर्मचारी के घायल होने की सूचना नहीं है।’’
संचालक ने बताया कि संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण सिग्नलिंग प्रौद्योगिकी का परीक्षण मोनोरेल प्रणाली पर किया जा रहा है, जिसका क्रियान्वयन परियोजना के लिए नामित ठेकेदार मेधा एसएमएच द्वारा किया जा रहा है।
एमएमएमओपीएल ने कहा कि यह अभ्यास पूरी तरह से संरक्षित वातावरण में किया गया तथा सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया गया।
बयान में कहा गया, ‘‘ये परीक्षण चरम या ‘सबसे खराब स्थिति’ के परिदृश्यों का अनुकरण करने के लिए डिजाइन किए गए हैं ताकि प्रणाली की प्रतिक्रियाओं का मूल्यांकन किया जा सके और वास्तविक तैनाती से पहले पूरी तैयारी सुनिश्चित की जा सके। इसलिए, ऐसी नियंत्रित परिस्थितियां मानक परीक्षण प्रक्रिया का हिस्सा हैं।’’
इसमें साथ ही यह भी कहा गया है कि ‘मास-ट्रांजिट’ प्रणाली पर नियमित परीक्षण अप्रभावित रहेंगे।
अधिकारियों ने पहले बताया था कि बार-बार आ रही तकनीकी समस्याओं के कारण, प्रणाली उन्नयन कार्य के लिए मुंबई में मोनोरेल यात्री सेवाएं 20 सितंबर से अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई हैं।
महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने भी हाल के दिनों में मोनोरेल सेवाओं को प्रभावित करने वाली तकनीकी गड़बड़ियों की विस्तृत जांच करने के लिए एक समिति गठित की थी, जिसमें 15 सितंबर और 19 अगस्त को हुई गड़बड़ी भी शामिल है, जब सैकड़ों यात्री अलग-अलग स्थानों पर दो मोनोरेल ट्रेन में फंस गए थे।
भाषा सुमित